Yeh Bhi Nahin (यह भी नहीं) - Softcover

Singh, Maheep

 
9788128839788: Yeh Bhi Nahin (यह भी नहीं)

Inhaltsangabe

’यह भी नहीं’ सुप्रसिद्ध (कथा शिल्पी महीप सिंह का बहुचर्चित उपन्यास है। महानगरीय परिवेश में मानवीय सम्बन्धें के बनते-बिगड़ते सम्बन्धें का जैसा तल स्पर्शीय चित्राण इस उपन्यास स्त्राी-पुरुष सम्बन्धें की जटिलता के साथ, ऐसे सम्बन्धें की नई परिभाषा उद्घाटित करता है। महानगरीय जीवन मनुष्य में भौतिक जीवन की तृप्ति प्राप्त करने की अदम्य लालसा उत्पन्न कर देता है। यह लालसा उसमें भटकन उत्पन्न करती है। ऐसी भटकन उसमें लालसा की तृप्ति को किसी भी मूल्य पर अर्जित करने के प्रयासों को अध्कि वेगवती बनाती है। तृप्ति और भटकन का सत्त संघर्ष उसके जीवन में कोई ठहराव नहीं आने देता। वह अपने जीवन को डूबती-उतराती तरंगों के प्रवाह में अचेत ही सौंप देता है। ’यह भी नहीं’ में अनेक समानान्तर स्थितियां भी हैं। यदि इसमें एक ओर बहुत भटकी हुई शांता है तो दूसरी ओर बहुत ठहरी हुई संतोष है। अत्यन्त अशांत स्थितियों में जब कभी शांता संतोष का सानिध्य प्राप्त करती है तो वह एक शांत नदी की भांति बहने लगती है।

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